क्या सच में नरक है? यदि है तो कहा है??

दोस्तो हम सब बचपन से सुनते आ रहे है की अच्छा काम करो नही तो नरक में जवागे!आज हम उसी के ऊपर चर्चा करेंगे, क्या सच में नरक है? तो बने रहिए मेरे साथ। दुनिया के सभी धर्म में स्वर्ग और नर्क की बातें कही गई है। स्वर्ग अर्थात वह स्थान जहां अच्छी आत्माएं रहती है और नर्क वह स्थान जहां बुरी आत्माएं रहती है। कहा जाता है कि पापी व्यक्ति को नर्क में यातनाएं देने के लिए भेज दिया जाता है और पुण्यात्माओं को स्वर्ग में सुख भोगने के लिए भेज दिया जाता है। स्वर्ग को इस्लाम में जन्नत कहा जाता है और नर्क को दोजख य ा जेहन्नूम। इसी तरह हर धर्म में यह धारणा है कि ईश्वर ने स्वर्ग और नर्क की रचना की है जहां व्यक्ति को उनके कर्मों के हिसाब से रखा जाता है। पुराणों अनुसार मृत्यु का देवता यमराज आत्माओं को दंड या पुरस्कार देता है। यमराज के मंत्री चित्रगुप्त सभी आत्माओं के कर्मों का हिसाब रखते हैं फिर यम के यमदूत उन्हें स्वर्ग या नर्क में भेज देते हैं। नरक यह वह जगह है, जहां बुरी आत्माएं रहती हैं, लोग ऐसा मानते हैं कि हमारे बुरे कर्मों के हिसाब से आपको नरक में भेजा जाता है, जहां पर आपको अलग-अलग प्रकार की सजाएं दी जाती हैं। पुराणों के अनुसार मृत्यु का देवता यमराज बुरी आत्माओं को सज़ा देते हैं। यमराज के मंत्री चित्रगुप्त सभी आत्माओं के कर्मो का हिसाब रखते हैं फिर यमराज के दूत उन्हें स्वर्ग या नरक मे भेज देते हैं। पुराणों के अनुसार जब भी कोई मनुष्य मरता है या आत्मा शरीर को त्यागकर यात्रा प्रारंभ करती है तो इस दौरान उसे तीन प्रकार के मार्ग मिलते हैं। ऐसा कहते हैं कि उस आत्मा को किस मार्ग पर चलाया जाएगा यह केवल उसके कर्मों पर निर्भर करता है। ये तीन मार्ग हैं- अर्चि मार्ग, धूम मार्ग और उत्पत्ति-विनाश मार्ग। अर्चि मार्ग ब्रह्मलोक और देवलोक की यात्रा के लिए होता है, वहीं धूममार्ग पितृलोक की यात्रा पर ले जाता है और उत्पत्ति-विनाश मार्ग नर्क की यात्रा के लिए है। अब सवाल यह उठता है कि कौन जाता है उत्पत्ति-विनाश मार्ग नर्क की यात्रा के लिए है तो दोस्तो ए थी आज़ की जानकारी धन्यवाद

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