भारत की खूबसूरत जगह ,जो हमें तुरंत वहां जाने के लिए उत्साहित कर सकते हैं

माना कि दुनिया में घूमने के लिए बहुत खूबसूरत जगहें हैं। लेकिन यह भी सच है कि दुनिया तो बाद में देखियेगा, पहले अपना देश भारत तो अच्छी तरह से देख लें। शायद आपको पता भी नहीं होगा कि अपने देश भारत में इतना कुछ है कि जिसे देखने के लिए आपकी पूरी जिंदगी कम पड़ जाए। हालांकि अगर हम चाहें भी तो अपने भारत की सभी खूबसूरत जगहों की तस्वीर आपको नहीं दिखा सकते। लेकिन इनमें से कुछ गिनी चुनी जगहों की बेहद खूबसूरत तस्वीरें हम आपके लिए लेकर आए हैं, जिन्हें देखकर आप जल्दी से जल्दी वहां जाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। हां इनमें से कुछ जगह जाने-माने टूरिस्ट स्पॉट्स हैं, जबकि कुछ जगहें बिलकुल अनजानी भी हैं। अद्भुत ताजमहल - दुनिया के आठ आश्चर्यों में से एक ताजमहल को कौन नहीं जानता। ताजमहल को मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है जिसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला का संमिश्रण है। यूं तो ताजमहल को वर्ष 1983 में ही यूनेस्को विश्व धरोहरों की लिस्ट में शामिल कर लिया गया था, लेकिन दुनिया के आठ आश्चर्यों की सूची में इसका नाम पिछले 10-11 साल पहले ही जुड़ा है। ताजमहल के बारे में सभी जानते हैं लेकिन ताजमहल की खूबसूरती खास मौसम और समय में और भी ज्यादा बेमिसाल लगती है। जैसे बरसात का बादलों वाला मौसम और चांदनी रात। चांदनी रात में ताजमहल के दीदार करने का अलग ही मजा है।
तवांग, अरुणाचल प्रदेश : देश के पूर्वोत्तर में स्थित अरुणाचल प्रदेश का एक खूबसूरत हिस्सा है तवांग जो भूटान और तिब्बत के बॉर्डर पर स्थित है। अपनी प्राकृतिक खूबसूरती की वजह से तवांग को छिपा हुआ स्वर्ग भी कहा जाता है। तवांग में पर्यटक पहाड़ की खूबसूरत चोटियों, छोटे-छोटे पहाड़ी गांव, ट्रेडिशनल गोम्पा (मॉनेस्ट्री), शांत झीलों के अलावा भी बहुत कुछ देख सकते हैं। तवांग मठ को एशिया का सबसे बड़ा मठ माना जाता है। यहीं नजदीक में सेला नदी बहती है, जिसके नाम पर तवांग और पश्चिमी कामेंग जिले के बीच सेला पास यानि सेला दर्रा स्थित है जो हाई एल्टीट्यूड माउंटेन पास है।
दूधसागर - गोवा का सबसे ऊंचा वॉटरफॉल - गोवा और कर्नाटक बॉर्डर पर स्थित दूधसागर गोवा का सबसे ज्यादा ऊंचाईवाला और देश का पांचवा सबसे ऊंचा वाटरफॉल यानि झरना है। इस वाटरफॉल की खूबसूरती वहां जाकर ही देखी जा सकती है क्योंकि ऊपर से आती पानी की तेज धार लोगों में रोमांच पैदा करती है। यहां की प्राकृतिक सौंदर्य को देखने हर साल हजारों टूरिस्ट यहां आते हैं। इसकी खास बात है इसकी तीन ओर और चार मंजिलों (600 मीटर) से आती हुई तेज़ धाराएं जो पर्यटकों को दीवानी बना देती हैं। इस खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट पर सड़क मार्ग से नहीं पहुंचा जा सकता। यहां सिर्फ ट्रेन से या फिर पैदल ही पहुंचा जा सकता है। अक्टूबर से जून के बीच यहां मौसम सुहावना और पानी का वेग कुछ शांत होता है लेकिन अगर आप तेज और फ्यूरियल जलधारा का मजा लेना चाहते हैं तो आपको जुलाई से सितंबर के बीच यहां जाना चाहिए।
चंद्रमा के आकार की झील: चंद्रताल:हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत स्पीति वैली में स्थित चंद्रताल झील अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए ही जानी जाती है। करीब 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील और आसपास का खूबसूरत स्थान दुर्गम ट्रेकिंग और कैंपिंग जैसी साहसिक गतिविधियों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। चन्द्र ताल के चारों ओर विशाल मैदान है, जो वसंत और गर्मी के मौसम में कई तरह के जंगली फूलों से भर जाता है। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। टूरिस्ट्स के कैंप लगाने के लिए इस झील के बीचों बीच एक टापू है, जिसे समुद्र टापू कहते हैं। इस झील के बारे में एक आश्चर्यजनक तथ्य यह भी है कि यहां पानी के आने का कोई स्रोत दिखाई नहीं पड़ता जबकि निकलने का रास्ता साफ दिखता है।
मध्यप्रदेश के पन्ना में पांडव गुफाएं और झरने - मध्यप्रदेश में स्थित पन्ना से करीब 12 किलोमीटर दूर है यह जगह जहां की प्राकृतिक खूबसूरती बेमिसाल है। साल के बारहों महीने बहने वाला पांडव झरना मानसून के दौरान अपनी बेहतरीन स्थिति में पूरा भरा हुआ होता है और करीब 100 फीट की ऊंचाई से गिरता हुआ बेहद खूबसूरत दिखता है। राष्ट्रीय पार्क के नजदीक स्थित इस झरने तक पहुंचना काफी आसान है। पांडव झरने के नजदीक ही पांडव गुफाएं स्थित हैं, जिनके बारे में प्रसिद्ध है कि अपने निर्वासन काल के दौरान पांडवों ने इन्हीं गुफाओं में समय बिताया था। आसपास के लोगों के लिए यह काफी लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है।
पूरब का वेनिस है कश्मीर _ श्रीनगर नगर यानि धरती का स्वर्ग। वैसे श्रीनगर को पूरब का वेनिस कहा जाता है। श्रीनगर की नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर झील है डल झील, जो इसमें तैरने वाली हाउस बोट राइड और फूलों के शिकारों के लिए जानी जाती है। इसके अलावा श्रीनगर की निगीन लेक, वूलर लेक और मंसबल लेक भी प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर हैं। वूलर लेक पूरे एशिया की सबसे बड़ी फ्रेश वॉटर लेक में से एक है। डल झील पर लगने वाला फ्लोटिंग वेजीटेबल मार्केट भी देश का एक अनोखा देखने लायक बाजार होता है। झीलों के अलावा श्रीनगर में मुगल गार्डन, चश्मेशाही, परी महल, निशात बाग, शालीमार बाग, नसीम बाग, जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल बॉटेनिकल गार्डन भी देखने लायक जगहों में शामिल हैं। यहां के मुगल गार्डन को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल किया गया है।
केरल के त्रिचूर में कोडुंगलूर -अगर देश में प्राकृतिक खूबसूरती की बात की जाए और केरल का नाम नहीं आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। अपनी वनस्पति और प्राकृतिक संपदा के लिए मशहूर केरल में एक नहीं, अनेक जगहें ऐसी हैं जो विदेशों की प्रकृति को मात कर दें। केरल के त्रिचूर में स्थित कोडंगलूर को पहले महोदयापुरम भी कहा जाता था। यह जगह पेरियार नदी के किनारे त्रिचूर जिले में मालाबार कोस्ट पर स्थित है। यह भी कहा जा सकता है कि यह नेशनल हाईवे 66 पर कोच्चि से करीब 29 किलोमीटर की दूरी पर है। बेहद खूबसूरत प्राकृतिक नजारे समेटे यह स्थान केरल बैकवाटर्स के लिए नेवी का एंट्री पॉइंट भी है।
जैसलमेर की राजसी छतरियां_जैसलमेर की ऐतिहासिक इमारतों में यहां की स्थापत्य कला अलग ही नजर आती है। जैसलमेर के स्थापत्य को राजकीय तथा व्यक्तिगत प्रोत्साहन मिला जिसे यहां के किलों, गढियों, राजभवनों, मंदिरों, हवेलियों, जलाशयों, छतरियों इत्यादि में देखा जा सकता है। जैसलमेर राज्य में कुछ ही फासलों पर छोटे-छोटे दुर्ग और हवेलियों को देखा जा सकता है। यहां के हर दुर्ग के निर्माण में सुंदरता के अलावा मजबूती तथा सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा जाता था। पीले पत्थरों से बने ये दुर्ग और छतरियां पक्की ईंटों के बने हुए हैं। प्रत्येक दुर्ग में चार या इससे अधिक छतरियां बनाई गई हैं। ये दुर्ग को खूबसूरती के साथ- साथ मजबूती भी देती हैं।
जयपुर का खूबसूरत हवामहल -जयपुर का हवामहल एक राजसी महल है जिसे लाल और गुलाबी पत्थरों से खासतौर पर राजसी महिलाओं के लिए बनाया गया था। जयपुर के फाउंडर महाराजा सवाई प्रताप सिंह के पोते सवाई जयसिंह ने खेत्री महल से प्रेरित होकर यह विशाल महल बनवाया था। पांच मंजिला इस भवन में 953 छोटे- बड़े झरोखे यानि खिड़कियां हैं जिन्हें बारीक काम से सजाया गया है। इस हवामहल को बनाने के पीछे उद्देश्य यह था कि राजसी महिलाएं रोजमर्रा और उत्सव त्यौहारों के मौके पर बाहर की जिंदगी अंदर बैठ कर देख सकें क्योंकि उस वक्त उनके बाहर जाने पर प्रतिबंध हुआ करता था और साथ ही खिड़कियों के माध्यम से बाहर से आनेवाली हवा का भी आनंद ले सकें। खासतौर पर गर्मियों के मौसम में यह महल किसी आलीशान महल से कम नहीं हुआ करता था। इसकी एक खास बात यह भी है कि बाहर से इसको देखकर लगता है कि यह महल का अगला हिस्सा है जबकि वास्तव में यह महल का पिछवाड़ा हुआ था।
केरल के त्रिचूर में चलाकुडी के नैसर्गिक फॉल्स भारत के सबसे हरे-भरे राज्य केरल के त्रिचूर राज्य में चलाकुडी नदी के किनारे स्थित यह फॉल्स अपनी बेमिसाल प्राकृतिक खूबसूरती से किसी को भी लुभाने के लिए पर्याप्त हैं। दरअसल चलाकुडी खूबसूरत अतिरापिल्ली और वाजाचल फॉल्स जाने वाले पर्यटकों के लिए बेस कैंप भी है। चलाकुडी नेशनल हाईवे 544 पर कोच्चि के उत्तर में 47 किलोमीटर दूर और त्रिचूर के दक्षिण में 30 किलोमीटर दूर स्थित है।
तो दोस्तो ए थी भारत की कुछ खूबसूरत जगह मिलते है अगले लेख में नमस्कार। धन्यवाद

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